नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लंबे इंतजार के बाद कावेरी जल प्रबंधन योजना से संबंधित अपना मसौदा आज उच्चतम न्यायालय में पेश कर दिया। इस दौरान जल संसाधन सचिव यू पी सिंह भी अदालत के समक्ष पेश हुए।केंद्र सरकार ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष योजना मसौदा पेश किया, जिसे कावेरी नदी जल विवाद से संबंधित सभी राज्यों- कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल एवं पुड्डुचेरी को दिया जायेगा। केंद्र सरकार ने न्यायालय से कहा कि वह खुद यह तय करे कि कावेरी जल प्रबंधन योजना के साथ बोर्ड, कमेटी या प्राधिकरण में कौन सा नाम जोड़ा जाये। मामले की सुनवाई बुधवार को होगी और राज्य सरकारें अपनी राय एवं अपना रुख उसी दिन न्यायालय में रखेंगी। इस बीच पीठ ने स्पष्ट किया है कि वह योजना की यथार्थता अथवा शुद्धता के मामले में नहीं जायेगी, लेकिन यह जरूर देखेगी कि आखिर केंद्र सरकार का मसौदा कावेरी जल विवाद मामले में उसके आदेश के अनुरूप है या नहीं। गौरतलब है कि न्यायालय ने अपने 16 फरवरी के आदेश में कावेरी नदी के जल बंटवारे को लेकर केंद्र को कावेरी जल प्रबंधन योजना मसौदा बनाने का आदेश दिया था, लेकिन प्रस्तावित अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी यह मसौदा तैयार नहीं किया गया था। इसे लेकर न्यायालय ने कई बार केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी भी जतायी थी।
कावेरी विवाद: केंद्र ने पेश किया योजना मसौदा
